देहरादून : वाइब्रेंट विलेज योजन…के तहत गृह मंत्रालय को 524 प्रोजेक्ट भेजे गए थे, जिसमें से 181 को स्वीकृति मिली

मुख्य सचिव ने कहा कि योजनाओं के चयन में भी जनपदों द्वारा गंभीरता से विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि वाईब्रेंट विलेज के दृष्टिकोण से अति महत्त्वपूर्ण योजनाओं पर जनपदों को विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। ऐसी योजनाएं तैयार की जाए जिनसे वाईब्रेंट विलेज योजना के उद्देश्यों की पूर्ति हो। मुख्य सचिव ने वाइब्रेंट विलेज एरिया में सिविल एवं आर्मी के मध्य सामंजस्य के लिए शीघ्र ही वर्कशॉप आयोजित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में वाईब्रेंट विलेज के दृष्टिकोण से राज्य सरकार के महत्त्वपूर्ण विभागों, आईटीबीपी, भारतीय सेना, भारत सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
सचिव राधिका झा ने बताया कि योजना के तहत गृह मंत्रालय को 524 प्रोजेक्ट भेजे गए थे, जिसमें से 181 को स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। उन्होंने बताया कि 181 प्रस्तावों में से 115 वाईब्रेंट विलेज एवं 66 को कन्वर्जेंस के माध्यम से फंडिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन 93 कार्यों के लिए धनराशि जारी हो चुकी है, उनमें से चमोली जनपद के 18 में से 14 प्रोजेक्ट में कार्य शुरू किया जा चुका है। पिथौरागढ़ के 62 कार्यों में से 38 कार्य शुरू हो चुके हैं, जबकि शेष 24 कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है। उत्तरकाशी के 13 कार्यों में से उरेडा के 8 कार्य हैं जिनका 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 5 कार्य वन विभाग के हैं जिनका 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, चंद्रेश कुमार यादव, श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल, आईजी निलेश आनन्द भरणे, आईजी करन सिंह नगन्याल, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, अनुराधा पाल सहित उत्तरकाशी, चमोली एवं पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी उपस्थित थे।
- वाइब्रेंट विलेज योजना….परिचय:
- यह एक केंद्रीय वित्तपोषित कार्यक्रम है जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट वर्ष 2022-23 (2025-26 तक) में उत्तर में सीमावर्ती गाँवों को विकसित करने और ऐसे सीमावर्ती गाँवों के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ की गई।
- इसमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्र शामिल होंगे।
- इसके तहत 2,963 गाँवों को कवर किया जाएगा, जिनमें से 663 को पहले चरण में कवर किये जाएंगे।
- ग्राम पंचायतों की सहायता से ज़िला प्रशासन द्वारा वाइब्रेंट विलेज़ एक्शन प्लान बनाए जाएंगे।
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की वजह से ‘सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ के साथ ओवरलैप की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
- उद्देश्य:
- यह योजना उत्तरी सीमा पर सीमावर्ती गाँवों के स्थानीय, प्राकृतिक, मानव तथा अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक चालकों की पहचान एवं विकास करने में सहायता करेगी।
- सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल विकास तथा उद्यमिता के माध्यम से युवाओं एवं महिलाओं के सशक्तीकरण के माध्यम से ‘हब एंड स्पोक मॉडल’ (Hub and Spoke Model) पर आधारित विकास केंद्रों का विकास करना।
- स्थानीय, सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना।
- समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से ‘एक गाँव-एक उत्पाद’ की अवधारणा पर स्थायी पर्यावरण-कृषि व्यवसायों का विकास करना।