हरिद्वार : अंधकार को मिटाने का समय: डॉ.चिन्मय पण्ड्या, शांतिकुंज में पांच दिवसीय राष्ट्रीय सक्रिय कार्यकर्त्ता शिविर का हुआ शुभारंभ

ख़बर शेयर करें -

हरिद्वार : गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में पांच दिवसीय राष्ट्रीय सक्रिय कार्यकर्त्ता शिविर का गुुरुवार को शुभारंभ हुआ।इस शिविर में उत्तराखण्ड, उप्र, मप्र, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, पंजाब सहित 16 राज्यों के तहसील, जिला एवं प्रांतीय समन्वयक सहित सक्रिय 3 हजार से अधिक कार्यकर्त्ता भाग ले रहे हैं।

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या, प्रो विश्वप्रकाश त्रिपाठी, डॉ ओपी शर्मा आदि ने दीप प्रज्वलन कर शिविर का शुभारंभ किया।उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह अवसर समाज में व्याप्त अंधकार को दूरकर प्रकाशित करने और अभावों में व्याप्त रहने वाले कुविचारों को मिटाने का है। उन्होंने कहा कि इस समय चहुंओर समस्याओं का अंबार सा दिखाई पड़ता है। इन समस्याओं की जड़ यानि लोगों की मानसिकता और उनके अंतःकरण को शुद्ध करने के लिए विधेयात्मकता की बीज बोनी है।जिससे वर्षों से बैठी नकारात्मकता, मूढ़वादिता जैसे अनेक कुविचारों को बदलकर उसमें सकारात्मक बदलाव लाया जा सके, जिससे व्यक्ति, परिवार और समाज में खुशियाँ, आत्मीयता, पारिवारिकता जैसे सद्गुणों की खेती हों।

ALSO READ:  कमरे में मृत मिले रुद्रप्रयाग CMS डॉक्टर मनोज बडोनी

उन्होंने कहा कि जिस तरह मंदिर के गर्भगृह में भगवान का निवास होता है, उसी तरह हर जाग्रत आत्मा के हृदय में भी एक गर्भगृह है, जो पीड़ित मानवता की सेवा करने के लिए सदैव प्रेरित करता है और इन्हीं सत्प्रेरणाओं से मानवों में देवत्व का उदय संभव है और यही शांतिकुंज जैसे आध्यात्मिक संगठन बनाने का संस्थापकद्वय पं.श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा जी का मूल उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि धरती पर जब-जब अवतारी सत्ताएँ आईं, सभी ने अपने स्तर पर विपरित परिस्थितियों को सही करने का कार्य किया। लीलापुरुष श्रीकृष्ण, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, स्वामी रामकृष्ण आदि ने समाज में व्याप्त कुरीतियों, अन्यायों को मिटाने का कार्य किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन में योग विशेषज्ञ डॉ चिन्मय पण्ड्या ने वर्तमान समय का वैज्ञानिक विश्लेषण करते हुए वर्तमान समय को महत्त्वपूर्ण पल बताया। उद्घाटन सत्र का संचालन श्री श्याम बिहारी दुबे ने किया।

ALSO READ:  रामझूला के पास आंध्र प्रदेश निवासी और ग्राफिक एरा देहरादून की बीटेक की छात्रा कूदी गंगा नदी में, किया रेस्क्यू

शिविर समन्वयक ने बताया कि पाँच दिन तक चलने वाले इस शिविर में कुल 14 सत्र होंगे, जिसमें आज का युगधर्म, शताब्दी वर्ष और हमारे दायित्व, क्षेत्रीय कार्यक्रमों का स्वरूप एवं भागीदारी, व्यक्ति एवं परिवार निर्माण, युग निर्माण में हमारी भूमिका, संगठन की रीति-नीति जैसे अनेक विषयों पर  विषय विशेषज्ञ विस्तृत जानकारी देंगे।

Related Articles

हिन्दी English