राज्यपाल, उत्तर प्रदेश  आनंदी बेन पटेल  पधारी परमार्थ निकेतन शिविर, प्रयागराज

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  • मलूकपीठाधीश्वर  राजेन्द्र दास जी महाराज का पावन सान्निध्य
  • डा. साध्वी भगवती सरस्वती, योगी स्वामी वचनानन्द  महाराज, आचार्य लोकेश मुनि  का दिव्य सान्निध्य
  • नेताजी सुभाष चन्द्र बोस  की जयंती पर उनकी साधना को विनम्र प्रणाम
  • पूज्य बापू ने मानस कथा से गौ माता के संरक्षण का दिया संदेेश
  • नेताजी का जीवन पराक्रम की पराकाष्ठा और परंपराओं का अद्भुत संगम-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
प्रयागराज: महाकुंभ-2025 के पावन अवसर पर तीर्थराज प्रयाग में परमार्थ निकेतन शिविर, परमार्थ त्रिवेणी पुष्प में राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू जी के श्रीमुख से हो रही मानस कथा के छठे दिन आज उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल,  आनंदी बेन पटेल जी पधारीं।मलूकपीठाधीश्वर राजेन्द्र दास जी महाराज, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, संतोषदास जी (सतुआ बाबा), साध्वी भगवती सरस्वती जी, आचार्य लोकेश मुनि जी, योगी स्वामी वचनानन्द जी महाराज और अनेक पूज्य संतों के पावन सान्निध्य में माननीय राज्यपाल,  आनंदी बेन पटेल जी ने परमार्थ निकेतन शिविर में दिव्य मानस कथा की ज्ञानधारा में स्नान किया। इस अवसर पर माननीय मंत्री नंदगोपाल नंदी जी की गरिमामय उपस्थिति रही।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल,  आनंदी बेन पटेल  ने पूज्य बापू और पूज्य संतों का अभिनंदन करते हुए कहा कि प्रयागराज, त्रिवेणी संगम पर बापू के मुख से राम जी का चरित्र व रामायण सुनना सौभाग्य की बात है। आज बापू ने प्रभु श्रीराम और उनके भाईयों के नामकरण की सुंदर व्याख्या की। हमें भी अपने बच्चों का नामकरण ऐसी दिव्यता के साथ करना चाहिए। आनंदी बेन पटेल ने 9 से 14 वर्ष की बेटियों को वैक्सीनेशन लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि दो वैक्सीनेशन लगवाकर हम अपनी बेटियों को सर्वाइकल कैंसर से बचा सकते हैं। वर्तमान समय में सर्वाइकल कैंसर बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम शराब, गुटका, मसाला खाने में पैसे खर्च करते हैं, परंतु बेटियों को वैक्सीनेशन लगाने की बात आती है तो हम उनके लिए पैसे खर्च नहीं करना चाहते। हमारे अंदर सेवा का भाव होना चाहिए कि हमारे आसपास जो बच्चे हैं, वे टीबी या अन्य बीमारियों से ग्रस्त न हों। इस मुहिम में हम सभी को लगना होगा।
उन्होंने जेल भ्रमण के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जब भी मैं जेल का भ्रमण करती हूँ या फाइल पढ़ती हूँ तो मुझे लगता है, क्या हम दहेज प्रथा को नहीं छोड़ सकते? जितने भी कैदी आज जेल में हैं, उनमें 80 प्रतिशत दहेज के कारण हैं। अगर हम दहेज प्रथा छोड़ दें, तो हमारी बेटियों को बचाया जा सकता है।आज पूरे देश में यह मुहिम चलाई जा रही है कि अपनी संपत्ति अपने पास हो, संपत्ति का कार्ड अपने पास हो और यह कार्य माननीय प्रधानमंत्री जी पूरे देश में करवा रहे हैं। स्वामित्व कार्ड जनता को दिया जा रहा है क्योंकि जमीन के लिए भाई-भाई, पिता-पुत्र के बीच विवाद होते हैं, जिससे लोग जेल में जा रहे हैं। हमारी सोच ऐसी होनी चाहिए कि जान चली जाए परंतु जमीन न जाए, इसलिये हमें उदारता से माता-पिता के साथ विचार विमर्श से समझौता करना चाहिए। आनंदी बेन पटेल ने कहा कि मैंने पूज्य बापू की कई कथाएँ सुनी हैं, बापू की कथा समाज को स्वच्छ करने के लिए है।इस अवसर पर उन्होंने थर्ड जेंडर की बात करते हुए कहा कि थर्ड जेंडर के लिए न तो स्कूल हैं, न पढ़ाई है, लेकिन बापू उनसे मिलते हैं, उनकी बातों को सुनते हैं। मैंने संकल्प लिया था कि जब भी मैं महाकुंभ में जाऊंगी तो उनसे मिलूंगी। हम सब को मिलकर थर्ड जेंडर की शिक्षा और स्वास्थ्य के विषय में कार्य करना होगा। इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छता कर्मियों की सेवा की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि 144 वर्षों के बाद ऐसे दिव्य महाकुंभ का सौभाग्य हमें मिला है, उसका लाभ उठाएं और यहां से संकल्प लेकर जाएं।
राष्ट्रसंत पूज्य  मोरारी बापू जी ने कहा कि महाकुंभ के दिव्य अवसर पर प्रयाग में प्रयोग किया जा रहा है। प्रयाग का प्रयोग पूरे विश्व के लिए योग है। प्रयाग का जो स्वभाव है, वैसे ही प्रयाग पुरूष विश्व का संयोग करा सकते हैं। जिसके जीवन में न ठंड हो, न ताप हो, वही व्यक्तित्व संगम करा सकता है। वर्तमान समय में क्लबवासी, कल्पवासी बन रहे हैं, यह भी एक प्रयोग है।पूज्य बापू जी ने कहा कि रामचरित्र मानस ज्ञान मार्ग है, विज्ञान मार्ग है, परंतु सबसे पहले ये श्रद्धा और आस्था का विषय है। महाकुंभ का दिव्य दर्शन केवल श्रद्धा का दर्शन है। श्रद्धा ही है जिसके दिव्य दर्शन हमें महाकुंभ में हो रहे हैं। विश्वास और श्रद्धा से ही भरोसे का जन्म होता है। कथा हमें अर्थ, धर्म का अर्थ और परमार्थ का अर्थ प्रदान करती है।बापू ने कहा कि साधु के नेत्रों में अमृत होता है, साधु के वचनों में अमृत होता है, जिसमें मुख से निरंतर राम नाम निकलता है, उनके होठों में अमृत होता है और जिसके होठों में अमृत होता है, उससे बड़ा कोई श्रंगार नहीं है। मानस में 15 अमृतों की चर्चा की गई है। महाकुंभ की धरती पर अमृत की कुछ बूंदें गिरीं, परंतु मानस कथा से निरंतर अमृत झलक रहा है।
मलूकपीठाधीश्वर  राजेन्द्र दास जी महाराज ने कहा कि श्रीरामचरित्र मानस जी साक्षात प्रभु श्रीराम का चरित्र है, श्रीराम जी का विग्रह है। पूज्य बापू ने ऐसे-ऐसे क्षेत्रों में भी श्रीराम कथा को पहुँचाया जहां पहुँचना संभव नहीं था। प्रभु श्रीराम कर्ता भी हैं और नियंता भी हैं। हम सभी का सौभाग्य है कि पूज्य बापू जी के श्रीमुख से हमें कथा श्रवण करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। तीर्थराज प्रयाग में पूज्य बापू प्रयाग का प्रयाग में संगम हैं। संगम में स्नान से देह का स्नान होगा और बापू मानस कथा के माध्यम से सत्य, प्रेम और करूणा में स्नान करा रहे हैं।स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज आज़ादी की बिगुल बजाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती है। उन्होंने कहा कि महापुरुष कभी जाते नहीं, वे सदैव हमारे बीच में अपने कार्यों और विचारों से जीवंत और जागृत बने रहते हैं। कई बार हमें अपने शरीर से आज़ादी प्राप्त होती है, परंतु मन गुलाम बना रहता है। सत्संग और कथाएँ हमें मन की गुलामी से आज़ादी प्रदान करती हैं।कथाएँ हमें स्वयं से भी वैराग्य प्रदान करती हैं। कथाएँ, शरीर की गुलामी और मन की गुलामी से हमें मुक्ति प्रदान करती हैं। कथाएँ, हमारे आने और जाने की यात्रा से भी मुक्ति प्रदान करती हैं।आचार्य लोकेश मुनि जी ने सभी पूज्य संतों का अभिनंदन करते हुए कहा कि बापू की कथा शांति का स्रोत रूपी अमृत है।पूज्य स्वामी जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों को रुद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला भेंट कर सभी का अभिनंदन किया।

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